शुक्रवार, 27 सितंबर 2024

भारत में पर्वत चोटियाँ: प्राकृतिक सौंदर्य और चुनौती का संगम ( Mountain Peaks in India ) ,भारत में प्रमुख पर्वत शिखरों की सूची ( Major mountain peaks in India )

परिचय

भारत एक ऐसा देश है जिसे प्राकृतिक विविधताओं और भौगोलिक संरचनाओं की दृष्टि से विश्व में विशेष स्थान प्राप्त है। यहाँ के विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखलाएँ न केवल प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह पर्वतारोहियों और साहसिक यात्रियों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। भारत में कई ऊँची चोटियाँ हैं, जो देश की भौगोलिक समृद्धि का प्रतीक हैं। इन चोटियों का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और धार्मिक महत्व भी है। इस लेख में हम भारत की प्रमुख चोटियों पर चर्चा करेंगे, उनकी विशेषताएँ, ऊँचाई, और उनके महत्व को विस्तार से समझेंगे।

भारत की पर्वत चोटियों का भूगोल

भारत के पर्वतों की संरचना को समझने के लिए सबसे पहले हिमालय की चर्चा आवश्यक है। हिमालय विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है, जो उत्तर से लेकर उत्तर-पूर्वी भारत तक फैली हुई है। हिमालय की चोटियाँ भारत, नेपाल, तिब्बत, और भूटान के बीच फैली हुई हैं, और इनमें से कुछ प्रमुख चोटियाँ भारत में स्थित हैं। हिमालय के अलावा, भारत में काराकोरम, जास्कर, लद्दाख, और पूर्वी घाट पर्वत श्रृंखलाएँ भी हैं, जिनमें कई महत्वपूर्ण चोटियाँ हैं।

भारत की प्रमुख चोटियाँ

भारत में ऊँचाई के अनुसार कई चोटियाँ हैं, जिनमें से कुछ 8,000 मीटर से ऊपर हैं, जबकि अन्य 7,000 मीटर और उससे कम ऊँचाई पर स्थित हैं। इन चोटियों का धार्मिक, सांस्कृतिक, और पर्यावरणीय महत्व भी है। आइए, भारत की कुछ प्रमुख चोटियों पर नज़र डालते हैं।

1. कंचनजंगा (8,586 मीटर)

कंचनजंगा भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है, और यह भारत की सबसे ऊँची चोटी है। यह दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी भी है। कंचनजंगा को स्थानीय भाषा में "पाँच खजाने" के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसकी पाँच चोटियाँ हैं, जिन्हें स्वर्ण, चाँदी, जवाहरात, अन्न, और पवित्र किताबों का प्रतीक माना जाता है। इस चोटी का धार्मिक महत्व भी है, और स्थानीय लोग इसे पवित्र मानते हैं। कंचनजंगा ने साहसिक पर्वतारोहण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।

2. नंदा देवी (7,816 मीटर)

नंदा देवी भारत की दूसरी सबसे ऊँची और उत्तराखंड की सबसे ऊँची चोटी है। इसे नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा माना जाता है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। नंदा देवी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है, और इसे देवी नंदा का निवास स्थान माना जाता है। हर साल यहाँ श्रद्धालु नंदा देवी की पूजा के लिए आते हैं। नंदा देवी की पर्वतारोहण के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन पर्यावरणीय संरक्षण के कारण इसे पर्वतारोहियों के लिए बंद कर दिया गया था, और अब यहाँ सीमित मात्रा में ही पर्वतारोहण की अनुमति है।

3. कामेट (7,756 मीटर)

कामेट उत्तराखंड में स्थित एक अन्य प्रमुख चोटी है। यह भारत की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है और पर्वतारोहियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण गंतव्य है। कामेट का पर्वतारोहण मार्ग जटिल और जोखिमपूर्ण है, जिससे यह साहसिक यात्रियों के बीच खासा लोकप्रिय है। कामेट के चारों ओर के क्षेत्र में कई ग्लेशियर हैं, जो इस चोटी को और भी अधिक आकर्षक बनाते हैं।

4. साल्टोरो कांगरी (7,742 मीटर)

साल्टोरो कांगरी काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित है और यह सियाचिन ग्लेशियर के पास है। यह चोटी भारत की सैन्य दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित है। साल्टोरो कांगरी की चढ़ाई अत्यंत कठिन और जोखिम भरी मानी जाती है। यहाँ के दुर्गम रास्तों और मौसम की विषमताओं के कारण यह पर्वतारोहियों के लिए चुनौतीपूर्ण है।

5. सासेर कांगरी (7,672 मीटर)

सासेर कांगरी लद्दाख क्षेत्र में स्थित है और यह काराकोरम पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है। यह चोटी लद्दाख और तिब्बत के बीच की सीमा पर स्थित है और इसे चढ़ाई के लिए कठिन माना जाता है। सासेर कांगरी की बर्फीली चोटियाँ और कठोर मौसम इसे विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।

6. मुलकिला (7,362 मीटर)

मुलकिला हिमाचल प्रदेश में स्थित है और यह हिमालय के पूर्वी भाग का हिस्सा है। यह चोटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बर्फ से ढकी चोटियों के लिए जानी जाती है। मुलकिला तक पहुंचने के लिए कठिन और जोखिम भरे रास्ते होते हैं, लेकिन इसके बावजूद यह पर्वतारोहियों के बीच लोकप्रिय है।

7. केदारनाथ (6,940 मीटर)

केदारनाथ चोटी उत्तराखंड में स्थित है और इसका धार्मिक महत्व भी है। केदारनाथ मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, इसी चोटी के नीचे स्थित है। यह चोटी ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए भी प्रसिद्ध है, और यहाँ हर साल कई श्रद्धालु और पर्वतारोही आते हैं।

8. त्रिशूल (7,120 मीटर)

त्रिशूल चोटी उत्तराखंड में स्थित है और यह नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है। त्रिशूल का नाम इसकी तीन चोटियों के कारण रखा गया है, जो त्रिशूल के समान दिखती हैं। इस चोटी की प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक चुनौती इसे पर्वतारोहियों के लिए आकर्षक बनाती है।

भारत की पर्वत चोटियों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भारत की पर्वत चोटियों का केवल भौगोलिक महत्व ही नहीं है, बल्कि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बड़ा महत्व है। हिमालय और अन्य पर्वत श्रृंखलाएँ भारतीय सभ्यता के प्रारंभिक समय से ही धार्मिक आस्था और पूजा का केंद्र रही हैं। हिमालय को हिंदू धर्म में देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। विशेष रूप से, कंचनजंगा, नंदा देवी, और केदारनाथ जैसी चोटियाँ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

  1. हिमालय का धार्मिक महत्व: हिमालय को हिंदू धर्म में "देवताओं का घर" माना जाता है। गंगा, यमुना, और सरस्वती जैसी प्रमुख नदियाँ हिमालय से ही निकलती हैं, जिन्हें पवित्र माना जाता है। यह पर्वत शिव, विष्णु, और अन्य देवताओं के निवास स्थान के रूप में देखा जाता है, और यहाँ कई तीर्थ स्थल स्थित हैं।

  2. सांस्कृतिक महत्त्व: पर्वत चोटियाँ केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं हैं, बल्कि ये भारतीय संस्कृति, कला, और साहित्य में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्यों में भी हिमालय का उल्लेख मिलता है। हिमालय की चोटियों ने कलाकारों, लेखकों, और कवियों को प्रेरणा दी है।

भारत की चोटियों पर पर्वतारोहण

भारत की ऊँची चोटियाँ केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व ही नहीं रखतीं, बल्कि यह साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के लिए भी प्रमुख गंतव्य हैं। हर साल यहाँ देश-विदेश से कई पर्वतारोही आते हैं। हिमालय की ऊँचाइयों को छूना हर पर्वतारोही का सपना होता है, और भारत की चोटियाँ इसे पूरा करने का अवसर प्रदान करती हैं।

  1. कंचनजंगा पर्वतारोहण: कंचनजंगा की चढ़ाई अत्यंत कठिन मानी जाती है, और यह उन गिने-चुने पर्वतारोहियों के लिए ही संभव है जो अत्यधिक अनुभव और साहस रखते हैं। यहाँ का दुर्गम मार्ग और अप्रत्याशित मौसम इसे और भी चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।

  2. नंदा देवी पर्वतारोहण: नंदा देवी की चढ़ाई भी जटिल और जोखिम भरी है, लेकिन पर्यावरणीय संरक्षण के कारण यहाँ पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले, यह पर्वतारोही दलों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य था।

  3. साल्टोरो कांगरी और सासेर कांगरी: ये दोनों चोटियाँ काराकोरम पर्वत श्रृंखला का हिस्सा हैं और चढ़ाई के लिए अत्यंत कठिन मानी जाती हैं। यहाँ के मार्ग बर्फ से ढके होते हैं और मौसम का तेजी से बदलाव पर्वतारोहियों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है। 

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    कंचनजंगा (8,586 मीटर)

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भारत में प्रमुख पर्वत शिखरों की सूची (स्थलाकृतिक प्रमुखता 500 मीटर से अधिक) इस प्रकार है:


क्रम शिखर ऊँचाई (मीटर) ऊँचाई (फ़ीट) श्रेणी प्रमुखता (मीटर) निर्देशांक स्थिति
1 कंचनजंगा 8,586 28,169 हिमालय 3,922 27°42′09″N 88°08′48″E सिक्किम (नेपाल के साथ साझा)
2 नन्दा देवी 7,816 25,643 गढ़वाल हिमालय 3,139 30°22′33″N 79°58′15″E उत्तराखण्ड
3 कामेट 7,756 25,446 गढ़वाल हिमालय 2,826 30°55′12″N 79°35′30″E उत्तराखण्ड
4 साल्तोरो कांगरी / K10 7,742 25,400 साल्तोरो काराकोरम 2,160 35°23′57″N 76°50′53″E जम्मू और कश्मीर
5 ससेर कांगरी / K22 7,672 25,171 ससेर काराकोरम 2,304 34°52′00″N 77°45′09″E जम्मू और कश्मीर
6 ममोस्तोंग कांगरी / K35 7,516 24,659 रिमो काराकोरम 1,803 35°08′31″N 77°34′39″E जम्मू और कश्मीर
7 ससेर कांगरी II E 7,513 24,649 ससेर काराकोरम 1,450 34°48′17″N 77°48′24″E जम्मू और कश्मीर
8 ससेर कांगरी III 7,495 24,590 ससेर काराकोरम 850 34°50′44″N 77°47′06″E जम्मू और कश्मीर
9 तेरम कांगरी I 7,462 24,482 सियाचिन काराकोरम 1,702 35°34′48″N 77°04′42″E जम्मू और कश्मीर
10 जोंगसोंग शिखर 7,462 24,482 कंचनजंघा हिमालय 1,298 27°52′54″N 88°08′09″E सिक्किम
11 के12 7,628 24,370 साल्तोरो काराकोरम 1,978 35°17′45″N 77°01′20″E जम्मू और कश्मीर
12 काब्रु N 7,412 24,318 कंचनजंघा हिमालय 780 27°38′02″N 88°07′00″E सिक्किम
13 घेंट कांगरी 7,401 24,281 साल्तोरो काराकोरम 1,493 35°31′04″N 76°48′02″E जम्मू और कश्मीर
14 रिमो १ 7,385 24,229 रिमो काराकोरम 1,438 35°21′18″N 77°22′08″E जम्मू और कश्मीर
15 तेरम कांगरी III 7,382 24,219 सियाचिन काराकोरम 520 35°35′59″N 77°02′53″E जम्मू और कश्मीर
16 कीरात चुली 7,362 24,153 कंचनजंघा हिमालय 1,168 27°47′16″N 88°11′43″E सिक्किम
17 मना शिखर 7,272 23,858 गढ़वाल हिमालय 730 30°52′50″N 79°36′55″E उत्तराखण्ड
18 अप्सरासस कांगरी 7,245 23,770 सियाचिन काराकोरम 635 35°32′19″N 77°08′55″E जम्मू और कश्मीर
19 मुकुट पर्वत 7,242 23,760 गढ़वाल हिमालय 840 30°56′57″N 79°34′12″E उत्तराखण्ड
20 रिमो १ 7,233 23,730 रिमो काराकोरम 615 35°22′31″N 77°21′42″E जम्मू और कश्मीर
21 सिंघी कांगरी 7,202 23,629 सियाचिन काराकोरम 790 35°35′59″N 76°59′01″E जम्मू और कश्मीर
22 हरदेओल 7,161 23,494 गढ़वाल हिमालय 1,291 30°34′N 80°01′E उत्तराखण्ड
23 चौखम्बा I / बद्रीनाथ शिखर 7,138 23,418 गढ़वाल हिमालय 1,594 30°44′53″N 79°17′19″E उत्तराखण्ड
24 नून-कुन 7,135 23,408 ज़ंस्कार हिमालय 2,404 33°59′N 76°01′E जम्मू और कश्मीर
25 पाउहुनरी 7,128 23,385 सिक्किम हिमालय 2,035 27°57′N 88°51′E सिक्किम

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