द्वितीय विश्वयुद्ध कब आरंभ हुआ : प्रमुख कारण एवं परिणाम
द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945): एक ऐतिहासिक विश्लेषण
द्वितीय विश्व युद्ध, 20वीं सदी का सबसे बड़ा और विनाशकारी युद्ध था, जिसने न केवल युद्ध की परिस्थितियों को बदल दिया, बल्कि पूरे विश्व के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को भी गहराई से प्रभावित किया। यह युद्ध 1 सितंबर 1939 को जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण के साथ शुरू हुआ और 2 सितंबर 1945 को जापान द्वारा आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ। इस युद्ध ने पूरी दुनिया को अपने लपेटे में ले लिया और इसके दो प्रमुख गुट थे: धुरी शक्तियाँ (Axis Powers) और सहयोगी शक्तियाँ (Allied Powers)।
युद्ध की पृष्ठभूमि और कारण
द्वितीय विश्व युद्ध की जड़ों को समझने के लिए हमें प्रथम विश्व युद्ध और उसके परिणामों की ओर देखना होगा। प्रथम विश्व युद्ध के बाद, जर्मनी को वर्साय संधि के तहत भारी दंड भुगतने पड़े, जिसने उसकी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया। जर्मनी की जनता में असंतोष और निराशा का माहौल बना, और इसी असंतोष का फायदा उठाकर एडोल्फ हिटलर ने नाजी पार्टी को सत्ता में लाया। हिटलर का उद्देश्य जर्मनी को पुनः शक्तिशाली बनाना और एक नए साम्राज्य की नींव डालना था। इसके साथ ही, इटली और जापान ने भी अपने साम्राज्यवादी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए युद्ध की तैयारी शुरू कर दी थी।
युद्ध की शुरुआत
1 सितंबर 1939 को जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण किया, जिसके तुरंत बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। इस प्रकार, द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई। जर्मनी की आक्रामकता का सिलसिला यहीं नहीं रुका। हिटलर ने स्कैंडिनेविया, डेनमार्क, नॉर्वे, नीदरलैंड्स, बेल्जियम और फ्रांस पर भी आक्रमण किया। 1940 के अंत तक, जर्मनी ने अधिकांश पश्चिमी यूरोप पर कब्जा कर लिया था।
वैश्विक स्तर पर युद्ध
उधर, जापान ने भी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में अपनी धाक जमाने की कोशिश की। 7 दिसंबर 1941 को जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर हमला किया, जिसके बाद अमेरिका ने भी युद्ध में शामिल होने का निर्णय लिया। इस घटना ने युद्ध के समीकरण को पूरी तरह बदल दिया। अमेरिका की भागीदारी से सहयोगी शक्तियों को नया बल मिला और युद्ध का रुख बदलने लगा।
महत्वपूर्ण मोड़
1943 तक, युद्ध का रुख सहयोगी शक्तियों के पक्ष में बदलने लगा। सोवियत संघ ने जर्मनी के खिलाफ पूर्वी मोर्चे पर महत्वपूर्ण विजय प्राप्त की, विशेष रूप से स्टेलिनग्राद की लड़ाई में। अमेरिका और ब्रिटेन ने उत्तरी अफ्रीका में जर्मन सेनाओं को हराया और फिर इटली पर आक्रमण किया। इस दौरान, जर्मन सेनाओं को पश्चिमी मोर्चे पर भी दबाव का सामना करना पड़ा।
1944 में, सहयोगी सेनाओं ने फ्रांस पर एक बड़ा आक्रमण किया, जिसे ड-डे के नाम से जाना जाता है। इस आक्रमण के बाद, पश्चिमी यूरोप में जर्मनी की स्थिति कमजोर होती गई। अंततः, 8 मई 1945 को, जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया, जिसे वी-ई डे (Victory in Europe Day) के रूप में मनाया गया।
जापान और युद्ध का अंत
हालांकि, जापान ने युद्ध जारी रखा। अमेरिका ने जापान के खिलाफ अंतिम उपाय के रूप में परमाणु बम का उपयोग किया। 6 और 9 अगस्त 1945 को, अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए, जिससे जापान ने 15 अगस्त 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया। इस दिन को वी-जे डे (Victory over Japan Day) के रूप में मनाया जाता है।
युद्ध के परिणाम और प्रभाव
द्वितीय विश्व युद्ध ने न केवल लाखों लोगों की जान ली, बल्कि इसने व्यापक मानवित और राजनीतिक बदलाव भी किए। युद्ध के बाद, संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन हुआ, जिसका उद्देश्य विश्व शांति को बनाए रखना था। इसके साथ ही, युद्ध ने अमेरिका और सोवियत संघ को दो सुपरपावर के रूप में उभारा, जिससे शीत युद्ध की शुरुआत हुई।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी युद्ध ने बड़े बदलाव किए। युद्ध के दौरान, महिलाओं ने कामकाजी क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और इसके बाद कई देशों में महिलाओं के अधिकारों में सुधार हुआ। युद्ध ने कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी नष्ट किया, और युद्ध के बाद पुनर्निर्माण और विकास की प्रक्रिया शुरू हुई।
द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामस्वरूप, देशों के बीच नए राजनीतिक गठबंधन और आर्थिक समझौतों का निर्माण हुआ। यूरोप में नई सीमाएँ और राजनीतिक संरचनाएँ उभरीं, और कई उपनिवेश स्वतंत्र हुए।
निष्कर्ष
द्वितीय विश्व युद्ध एक ऐसा संघर्ष था जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया और इसके परिणाम आज भी वैश्विक राजनीति, समाज और अर्थशास्त्र पर महसूस किए जाते हैं। इस युद्ध की त्रासदियों और सीखों को याद रखना हमारे लिए आवश्यक है ताकि हम भविष्य में ऐसे विनाशकारी संघर्षों से बच सकें। यह युद्ध न केवल एक सैन्य संघर्ष था, बल्कि मानवता के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने दुनिया को एक नए दिशा में मोड़ा।
इस प्रकार, द्वितीय विश्व युद्ध ने विश्व इतिहास को एक नई दिशा दी और इसके परिणाम आज भी वैश्विक राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
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