भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शुरुआती नेता: स्वतंत्रता संग्राम के प्रणेता
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शुरुआती नेता भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर थे। इन नेताओं ने कांग्रेस की नींव रखी और उसे एक सशक्त राजनीतिक संगठन के रूप में स्थापित किया। वे सभी अपने-अपने तरीके से भारतीय समाज में जागरूकता फैलाने और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष करने में अग्रणी रहे। यहां कांग्रेस के कुछ प्रमुख शुरुआती नेताओं का विवरण दिया गया है:
1. दादा भाई नौरोजी (Dadabhai Naoroji)
दादा भाई नौरोजी को "ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया" के नाम से जाना जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सह-संस्थापक थे और कांग्रेस के तीन बार अध्यक्ष बने। उन्होंने ब्रिटिश संसद में भारतीयों के अधिकारों की पैरवी की और "ड्रेनेज थ्योरी" के माध्यम से बताया कि कैसे ब्रिटिश शासन भारत की आर्थिक संपदा का शोषण कर रहा था।
2. सुरेंद्रनाथ बनर्जी (Surendranath Banerjee)
सुरेंद्रनाथ बनर्जी को भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के "लौह पुरुष" के रूप में जाना जाता है। वे एक प्रमुख पत्रकार और वक्ता थे जिन्होंने भारतीयों के अधिकारों और स्वतंत्रता की मांग के लिए व्यापक आंदोलन किया। बनर्जी ने "इंडियन एसोसिएशन" की स्थापना की, जो बाद में कांग्रेस के साथ विलय हो गई।
3. गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale)
गोपाल कृष्ण गोखले एक प्रमुख उदारवादी नेता थे जिन्होंने कांग्रेस के मंच से भारतीय समाज में सुधार और संवैधानिक अधिकारों की मांग की। वे महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु भी थे और भारतीयों के लिए शिक्षा, न्याय, और स्वतंत्रता के संवैधानिक मार्ग पर विश्वास रखते थे।
4. बद्रुद्दीन तैयबजी (Badruddin Tyabji)
बद्रुद्दीन तैयबजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले मुस्लिम अध्यक्ष थे। वे एक प्रमुख वकील और न्यायाधीश थे, जिन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तैयबजी ने कांग्रेस के मंच से भारतीयों के राजनीतिक अधिकारों और सामाजिक सुधारों की मांग की।
5. फिरोजशाह मेहता (Pherozeshah Mehta)
फिरोजशाह मेहता एक प्रमुख पारसी नेता और कांग्रेस के संस्थापक सदस्य थे। वे एक सम्मानित वकील और बंबई नगर निगम के मेयर भी थे। मेहता ने कांग्रेस के माध्यम से संवैधानिक सुधारों और भारतीयों के लिए प्रशासनिक सेवाओं में अधिक प्रतिनिधित्व की मांग की।
6. आर.सी. दत्त (R.C. Dutt)
आर.सी. दत्त एक प्रमुख इतिहासकार, अर्थशास्त्री, और भारतीय सिविल सेवक थे। उन्होंने भारतीय आर्थिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मंच से भारतीयों के लिए आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों की मांग की।
7. महादेव गोविंद रानाडे (Mahadev Govind Ranade)
महादेव गोविंद रानाडे एक प्रमुख सामाजिक सुधारक और न्यायविद थे। उन्होंने भारतीय समाज में सामाजिक सुधारों के लिए कांग्रेस के मंच का उपयोग किया और भारतीयों के लिए शिक्षा और सामाजिक न्याय की मांग की।
8. बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak)
बाल गंगाधर तिलक को "लोकमान्य" के नाम से जाना जाता है। वे कांग्रेस के शुरुआती कट्टरपंथी नेता थे जिन्होंने "स्वराज" (स्व-शासन) की मांग को एक जन आंदोलन बनाया। तिलक ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा" का नारा दिया।
9. एनी बेसेंट (Annie Besant)
एनी बेसेंट एक अंग्रेजी महिला थीं जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया। उन्होंने थियोसोफिकल सोसाइटी के माध्यम से भारतीयों में राजनीतिक जागरूकता फैलाई और होमरूल लीग की स्थापना की, जिसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्देश्यों को समर्थन दिया।
10. रास बिहारी बोस (Rash Behari Bose)
रास बिहारी बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे और बाद में उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया। वे कांग्रेस के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाते रहे और बाद में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए जापान में काम किया।
निष्कर्ष
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ये शुरुआती नेता भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रणेता थे। उन्होंने भारतीय समाज में राजनीतिक जागरूकता का प्रसार किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सशक्त आंदोलन खड़ा किया। इन नेताओं के प्रयासों ने कांग्रेस को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख संगठन बना दिया और उनके योगदान ने भारत को स्वतंत्रता की राह पर अग्रसर किया।
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