मालवथ पूर्णा की माउंट एवरेस्ट विजय ( Malavath Poorna's Mount Everest Victory)
मालवथ पूर्णा: एक साहसिक अद्वितीय कहानी मालवथ पूर्णा, एक नाम जो साहस, संघर्ष, और अदम्य इच्छाशक्ति का प्रतीक है। यह एक ऐसा नाम है जिसने बहुत ही कम उम्र में वह कर दिखाया जो शायद अधिकतर लोग केवल सपनों में ही सोच सकते हैं। 13 साल और 11 महीने की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बनकर, पूर्णा ने न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को गर्वित किया। उनकी यह उपलब्धि केवल उनके साहसिक सफर की शुरुआत थी, और आज वह युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत हैं। इस ब्लॉग में हम मालवथ पूर्णा के जीवन, उनके संघर्ष, साहसिक अभियान, और उनकी अभूतपूर्व उपलब्धियों पर चर्चा करेंगे, और जानेंगे कि कैसे एक छोटे से गांव की लड़की ने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर तिरंगा फहराया। प्रारंभिक जीवन: एक साधारण शुरुआत मालवथ पूर्णा का जन्म 10 जून 2000 को तेलंगाना के एक छोटे से गाँव पकल में हुआ था। उनका परिवार एक सामान्य किसान परिवार था, जो कठिनाइयों से जूझते हुए अपने जीवनयापन के साधन जुटा रहा था। उनका बचपन आम ग्रामीण बच्चों की तरह गुजरा, लेकिन उनके सपने सामान्य ब