प्रागैतिहासिक काल: मानवता के उद्भव की गाथा

 

प्रागैतिहासिक काल की परिभाषा

प्रागैतिहासिक काल वह समय है जब मानव ने लेखन का आविष्कार नहीं किया था और इसलिए इस युग के बारे में जानकारी हमें केवल पुरातात्विक अवशेषों और गुफा चित्रों से प्राप्त होती है। इस युग का अध्ययन करने वाले विद्वानों को पुरातत्वविद् कहते हैं। ये विद्वान विभिन्न प्रकार की पुरानी वस्तुओं जैसे पत्थर के औजार, हड्डियाँ, मिट्टी के बर्तन, और गुफा चित्रों का अध्ययन करते हैं ताकि मानव सभ्यता के शुरुआती दौर को समझा जा सके।

                                                   


प्रागैतिहासिक काल के मुख्य चरण

प्रागैतिहासिक काल को मुख्यतः तीन प्रमुख चरणों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. पुरापाषाण युग (Paleolithic Age):

    • यह युग लगभग 25 लाख वर्ष पूर्व से 10,000 ईसा पूर्व तक फैला हुआ है।
    • इस युग में मानव ने पत्थरों के औजार बनाना शुरू किया और शिकार, भोजन संग्रह, और आत्मरक्षा के लिए उनका उपयोग किया।
    • इस काल में मानव गुफाओं में रहता था और आग का आविष्कार किया गया था।
  2. मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age):

    • यह युग 10,000 ईसा पूर्व से 8,000 ईसा पूर्व तक फैला हुआ है।
    • इस समय में पत्थर के औजार छोटे और अधिक परिष्कृत हो गए।
    • इस युग के मानव ने शिकार के अलावा मछली पकड़ने और वनस्पतियों का संग्रह भी किया।
  3. नवपाषाण युग (Neolithic Age):

    • यह युग 8,000 ईसा पूर्व से 3,000 ईसा पूर्व तक चलता है।
    • इस युग में मानव ने कृषि और पशुपालन की शुरुआत की, जिससे स्थायी निवास का प्रचलन हुआ।
    • इस काल में मिट्टी के बर्तन, कपड़े, और घर बनाने की तकनीक विकसित हुई।
                                                   

प्रागैतिहासिक काल की विशेषताएँ

  1. शिकार और भोजन संग्रह:

    • प्रागैतिहासिक काल के लोग शिकारी-संग्राहक थे। वे अपने भोजन के लिए शिकार करते थे और जंगली फल-फूल, जड़ें, और अन्य वनस्पतियों का संग्रह करते थे।
    • इस युग में पुरुष शिकार करते थे, जबकि महिलाएँ और बच्चे भोजन संग्रह और अन्य घरेलू कार्यों में सहयोग करते थे।
  2. औजारों का विकास:

    • प्रागैतिहासिक काल में मानव ने विभिन्न प्रकार के औजारों का विकास किया। ये औजार पत्थरों, हड्डियों, और लकड़ी से बनाए जाते थे।
    • औजारों का विकास मानव की बढ़ती जरूरतों के अनुसार हुआ, जैसे शिकार के लिए भाले, काटने के लिए चाकू, और खुदाई के लिए छेनी।
  3. गुफा चित्रकारी और कला:

    • प्रागैतिहासिक काल के लोग गुफाओं की दीवारों पर चित्र बनाते थे। ये चित्र मुख्यतः जानवरों, शिकार के दृश्य, और धार्मिक प्रतीकों के होते थे।
    • यह कला मानव की रचनात्मकता, धार्मिक आस्थाओं, और उनके सांस्कृतिक जीवन की झलक प्रस्तुत करती है।
  4. धार्मिक मान्यताएँ:

    • प्रागैतिहासिक काल में धार्मिक मान्यताएँ प्रकृति के इर्द-गिर्द घूमती थीं। मानव प्रकृति की शक्तियों जैसे सूर्य, चंद्रमा, और पशुओं की पूजा करते थे।
    • वे मानते थे कि इन शक्तियों में अलौकिक ताकतें हैं जो उनके जीवन को प्रभावित करती हैं।

प्रागैतिहासिक काल का महत्व

प्रागैतिहासिक काल मानवता के विकास की आधारशिला है। इस युग में मानव ने अपने चारों ओर की दुनिया को समझने और उसके साथ तालमेल बिठाने की कला सीखी। यह युग हमें यह समझने में मदद करता है कि कैसे मानव ने अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए नई-नई तकनीकों और सामाजिक संरचनाओं का विकास किया।

                                              

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